RC से Hypothecation हटाना क्यों ज़रूरी है?

गाड़ी का लोन चुकाने की खुशी बहुत बड़ी होती है, लेकिन आपका काम सिर्फ आखिरी EMI भरने पर खत्म नहीं होता। जब तक आप अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) से बैंक का नाम नहीं हटवाते, तब तक आप कानूनी रूप से उस गाड़ी के 100% मालिक नहीं बनते। इसी प्रक्रिया को \'Hypothecation Termination\' या \'HP Removal\' कहा जाता है।

अगर आप इसे नहीं हटाते हैं, तो आपको भविष्य में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे:

  • वाहन बेचने में असमर्थता: आप अपनी गाड़ी किसी और को नहीं बेच सकते क्योंकि कागजों पर बैंक अभी भी एक हिस्सेदार है।
  • इंश्योरेंस क्लेम में समस्या: किसी दुर्घटना की स्थिति में, इंश्योरेंस कंपनी क्लेम की राशि सीधे फाइनेंसर/बैंक को दे सकती है।
  • डुप्लीकेट RC बनवाने में परेशानी: अगर आपकी RC खो जाती है, तो डुप्लीकेट RC बनवाने के लिए भी बैंक से NOC की ज़रूरत पड़ सकती है।

प्रक्रिया शुरू करने से पहले की तैयारी

ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज़ तैयार हैं:

1. बैंक से प्राप्त दस्तावेज़:

  • बैंक की NOC (No Objection Certificate): यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। यह बैंक द्वारा जारी किया गया एक पत्र होता है जो प्रमाणित करता है कि आपने पूरा लोन चुका दिया है और बैंक को वाहन पर से अपना अधिकार हटाने में कोई आपत्ति नहीं है। यह NOC आमतौर पर 3 से 6 महीने के लिए वैध होती है, इसलिए समय पर प्रक्रिया पूरी कर लें।
  • Form 35: यह एक आधिकारिक फॉर्म होता है जिस पर बैंक हस्ताक्षर और मुहर लगाकर आपको देता है। यह RC से हाइपोथेकेशन हटाने के लिए RTO में जमा किया जाता है। आमतौर पर इसकी दो प्रतियां मिलती हैं।

2. आपके व्यक्तिगत दस्तावेज़:

  • मूल RC (Original RC): आपके वाहन का ओरिजिनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (स्मार्ट कार्ड या बुक)।
  • वैध बीमा (Valid Insurance): वाहन की बीमा पॉलिसी की कॉपी।
  • वैध PUC सर्टिफिकेट (Valid PUC Certificate): वाहन के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र की कॉपी।
  • मालिक का पैन कार्ड: इसकी कॉपी आवश्यक है।
  • मालिक का पता प्रमाण: आधार कार्ड, वोटर आईडी, या बिजली का बिल।

ऑनलाइन प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

भारत सरकार के Parivahan Sewa पोर्टल ने इस प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है। आप नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके घर बैठे आवेदन कर सकते हैं:

  1. Parivahan Sewa वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले, आधिकारिक वेबसाइट parivahan.gov.in खोलें।
  2. वाहन संबंधी सेवाएं चुनें: होमपेज पर, "Online Services" मेनू में जाकर "Vehicle Related Services" पर क्लिक करें।
  3. अपना राज्य और RTO चुनें: अगले पेज पर, अपना राज्य और फिर अपना RTO ऑफिस चुनें जहाँ आपका वाहन पंजीकृत है।
  4. लॉग इन/रजिस्टर करें: अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर "Proceed" पर क्लिक करें।
  5. Hypothecation Termination विकल्प चुनें: लॉग इन करने के बाद आपको कई सेवाओं की लिस्ट दिखेगी। इसमें से "Apply for Transfer of Ownership, Change of Address, Hypothecation [Addition/Continuation/Termination]" वाले विकल्प को चुनें।
  6. विवरण सत्यापित करें: अपनी गाड़ी का चेसिस नंबर (आखिरी 5 अंक) और मोबाइल नंबर दर्ज करें। OTP वेरीफाई करें।
  7. फॉर्म भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें: "Hypothecation Termination" के चेकबॉक्स को चुनें। बैंक द्वारा दी गई NOC और Form 35 की जानकारी भरें। सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की हुई कॉपी अपलोड करें।
  8. फीस का भुगतान करें: प्रक्रिया पूरी करने के लिए ऑनलाइन फीस का भुगतान करें। यह फीस हर राज्य में अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह ₹100 से ₹500 के बीच होती है। भुगतान के बाद रसीद को डाउनलोड और प्रिंट कर लें।
  9. RTO में दस्तावेज़ जमा करें (यदि आवश्यक हो): कुछ राज्यों में, आपको ऑनलाइन आवेदन के बाद सभी मूल दस्तावेज़ों और फीस की रसीद के साथ RTO जाकर सत्यापन कराना पड़ सकता है।

कितना समय लगता है और स्टेटस कैसे ट्रैक करें?

ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेज़ जमा करने के बाद, RTO को आपकी RC से हाइपोथेकेशन हटाने में आमतौर पर 15 से 30 दिन का समय लगता है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपको एक नई RC डाक द्वारा आपके पते पर भेज दी जाती है। आप Parivahan वेबसाइट पर "Know Your Application Status" सेक्शन में जाकर अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।