गाड़ी बेचते या खरीदते समय RC ट्रांसफर कैसे करें? (2025 की पूरी गाइड)
वाहन ओनरशिप ट्रांसफर क्यों इतना ज़रूरी है?
भारत में सेकंड-हैंड गाड़ी खरीदना और बेचना एक आम बात है। लेकिन अक्सर लोग इस प्रक्रिया के सबसे महत्वपूर्ण कानूनी कदम - रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) को नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर करना - भूल जाते हैं या उसमें देरी करते हैं। यह एक बड़ी गलती हो सकती है। जब तक RC नए मालिक के नाम पर ट्रांसफर नहीं हो जाती, तब तक कानूनी रूप से पिछला मालिक ही वाहन के लिए जिम्मेदार होता है। इसका मतलब है कि वाहन से हुई कोई भी दुर्घटना, ट्रैफिक चालान या किसी भी आपराधिक गतिविधि के लिए पुराना मालिक ही उत्तरदायी होगा।
खरीदने से पहले की तैयारी: क्रेता (Buyer) की ज़िम्मेदारियाँ
एक क्रेता के रूप में, यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप वाहन खरीदने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच-पड़ताल कर लें। अच्छी बात यह है कि अब आप यह सब ऑनलाइन कर सकते हैं:
- मालिक का सत्यापन करें: सबसे पहले, विक्रेता से वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर लें और हमारे RC Status Check पेज पर जाकर यह सत्यापित करें कि जो व्यक्ति आपको गाड़ी बेच रहा है, वही उसका असली मालिक है या नहीं।
- लंबित चालान की जांच करें: यह सुनिश्चित करें कि वाहन पर कोई पुराना ट्रैफिक चालान बकाया तो नहीं है। आप हमारे e-Challan Status पेज पर गाड़ी का नंबर डालकर आसानी से यह जांच सकते हैं।
- विक्रेता के दस्तावेज़ देखें: विक्रेता के पहचान पत्र के साथ-साथ उनके ड्राइविंग लाइसेंस की भी जांच करें। आप हमारे Driving Licence पेज पर DL से जुड़ी अन्य जानकारी पा सकते हैं।
- दस्तावेज़ों की पूरी सूची बनाएं: RC ट्रांसफर प्रक्रिया जटिल हो सकती है और इसमें कई फॉर्म्स लगते हैं। आप हमारे RTO Tools सेक्शन में 'Document Checklist Generator' और 'Forms Download Center' का उपयोग करके पहले से ही पूरी तैयारी कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)
RC ट्रांसफर के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- Form 29 और Form 30: ये ओनरशिप ट्रांसफर के मुख्य फॉर्म हैं, जिन पर क्रेता और विक्रेता दोनों के हस्ताक्षर होते हैं।
- मूल RC (Original RC): वाहन का ओरिजिनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट।
- वैध बीमा (Valid Insurance): वाहन की वैध बीमा पॉलिसी की कॉपी।
- वैध PUC सर्टिफिकेट: वाहन के प्रदूषण प्रमाण पत्र की कॉपी।
- क्रेता और विक्रेता का पता प्रमाण: आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि।
- क्रेता और विक्रेता का पैन कार्ड।
- NOC (No Objection Certificate): यदि वाहन एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर हो रहा है।
RC ट्रांसफर की ऑनलाइन प्रक्रिया (Step-by-Step)
Parivahan Sewa पोर्टल के माध्यम से आप ओनरशिप ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं:
- आधिकारिक Parivahan Sewa वेबसाइट पर जाएं।
- "Vehicle Related Services" चुनें और अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर डालें।
- "Apply for Transfer of Ownership" सेवा चुनें।
- चेसिस नंबर और मोबाइल नंबर सत्यापित करें।
- क्रेता (नए मालिक) का विवरण भरें।
- आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की हुई कॉपी अपलोड करें।
- निर्धारित शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें।
- आवेदन जमा करें और रसीद का प्रिंट आउट लें। कुछ मामलों में, आपको दस्तावेज़ों के भौतिक सत्यापन के लिए RTO जाना पड़ सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
प्रश्न: RC ट्रांसफर में कितना समय और पैसा लगता है?
उत्तर: RC ट्रांसफर की फीस राज्य के अनुसार अलग-अलग होती है, जो आमतौर पर ₹300 से ₹2000 के बीच हो सकती है। इस प्रक्रिया में आमतौर पर 7 से 30 दिन लगते हैं।
प्रश्न: यदि क्रेता RC ट्रांसफर नहीं करता है तो क्या करें?
उत्तर: यदि क्रेता समय पर RC ट्रांसफर नहीं करता है, तो आप (विक्रेता के रूप में) तुरंत अपने RTO में Form 29 और 30 की एक कॉपी, बिक्री के प्रमाण के साथ जमा करके सूचित करें। यह आपको भविष्य की किसी भी कानूनी देनदारी से बचाता है।
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